लक्ष्मी विलास बैंक पिछिला तीन साल से अधिका समय से वित्तीय समस्या से जुझत रहल हऽ। एह तीन सालन में बैंक के वित्तीय स्थिति में लगातार गिरत गइल बा। घाटा बढ़त जा रहल बा। सितंबर 2020 में खतम भइल तिमाही के अंत में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) और प्रावधान के मात्रा कुल्ह रू 4,233.31 करोड़ अउरी रू 16,622 करोड़ के करजा और 73 20,973 करोड़ जमा रहल। एह कारन बैंक के नेटवर्थ लगातार गिर रहल बा। टायर-1 कैपिटल नकारात्मक हो के -0.88% ले फिसल गइल बा। कैपिटल पर्याप्तता अनुपात गिर के 1.12% हो गइल बा।
लक्ष्मी विलास बैंक के अब ले के घाटा रोके अउरी एनपीए के कम करे के सगरी परियास असफल भइल बा। भारतीय रिजर्व बैंक अब ई मान ले ले बा बिना बाहरी सहजोग के बैंक के वित्तीय स्थिति में सुधार संभव नइखे। बैंक के खराब होत वित्तीय दशा के देखि के आरबीआई एक महीना खाती लक्ष्मी विलास बैंक से खाताधारकन के पइसा निकाले के क्षमता पऽ सीमित कऽ देले बा। संगही डीबीएस बैंक इंडिया के संगे लक्ष्मी विलास बैंक के विलय के प्रस्तावित योजना के घोषणा आरबीआई कइले बा ।
लक्ष्मी विलास बैंक पिछिला एक वरिस में तीसरा बैंक हऽ जेवना के आरबीआई बचा रहल बा। एकरा पहिले आरबीआई यस बैंक अउरी पीएमसी बैंक के बचवले बा। एतने ना बलुक एह बेर आरबीआई एह काम के समस्या बढ़े से पहिलहीं तेजी से काम कइले बा। विलय के मसौदा योजना के हिसाब से बैंक के शेयर/प्रतिभूतियों के प्रीमियम खाते में शेष राशि सहित शेयर पूंजी के विलय के प्रभावी होने पर नियत तारीख से शून्य मान लिहल जाई अउरी केवनो बकाया डिबेंचर, बॉन्ड भा केवनो दोसरा निवेश से जुड़ल देनदारी डीबीएस बैंक इंडिया के अपना खाता से करे के होई।
विलय योजना के शेयर पूँजी से जुड़ल एह प्रवाधान के बैंक के स्टकहोल्डर अउरी बाकी लोग सवाल करे शुरू कऽ देले बा। एह कारन आरबीआई विलय के एक हफ्ता खाती स्थगित कऽ देले बा। एह बेरा आरबीआई के चाहीं कि विलय में देर करे के बदले एह विलय से जुड़ल मूल्यांकन प्रक्रिया अउरी बाकी दोसर प्रमुख पहलुन के स्पष्ट करो।